लंदन. भारत के वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, “अनुच्छेद 370 एक गलती थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस गलती को सुधारा है। इसे हटाए जाने पर पाकिस्तान जिस प्रकार की प्रतिक्रिया दे रहा है, उससे लगता है कि वह दिवालिया हो गया है। कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है, इसमें कोई संदेह नहीं है।”
साल्वे ने कहा, “पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) भी भारत का हिस्सा है और पाकिस्तान उस इलाके में अशांति फैला रखी है। यदि कश्मीर का कोई विवादित हिस्सा है तो वह पीओके ही है। न सिर्फ भारत का संविधान बल्कि कश्मीर का संविधान भी कहता है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।”
कुछ फैसले अचानक लेने होते हैं: साल्वे
साल्वे ने कहा, ''मैं अनुच्छेद 370 को हटाए जाने की बात लंबे समय से कह रहा था। मुझे लगता है कि कुछ जगह पर आप अचानक फैसले लेते हैं। अनुच्छेद 370 को हटाने की जो प्रक्रिया सरकार ने अपनाई, वह बिल्कुल सही थी। इसे हटाने का केवल यही तरीका हो सकता था। कई लोग सुझाव दे रहे हैं कि इस हटाने से पहले इस पर चर्चा की जानी चाहिए थी। लेकिन मुझे लगता है कि यह बेवकूफी होती, क्योंकि इसका जिक्र भर होने से काफी शोर होता और आलोचनाएं की जातीं। भारत ने सही कदम उठाया।”
'अनुच्छेद 370 को हटाने में कुछ भी गलत नहीं'
अनुच्छेद 370 को हटाने के सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिए जाने के सवाल पर साल्वे ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट इस पर सुनवाई करेगा और यदि इसमें कोई गलती हुई होगी तो वह निर्णय लेगा। लेकिन मुझे इसमें कुछ भी गलत नहीं लग रहा। इसका प्रमाण है कि सरकार के कदम से पाकिस्तान पूरी तरह से दिवालिया प्रतीत हो रहा है।”
पाकिस्तान ने सभी कूटनीतिक रिश्ते खत्म किए
5 अगस्त को सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किए जाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ चुका है। पाकिस्तान ने भारत के साथ कूटनीतिक रिश्तों में कटौती की और भारत के राजदूत को वापस भेज दिया। पाकिस्तान इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाता रहा है लेकिन उसे सफलता नहीं मिलती दिख रही है। भारत ने अपने फैसले को आंतरिक बताया था और कहा था कि पाकिस्तान को इस सच्चाई को भी कबूल करना चाहिए।
कौन हैं साल्वे
हरीश साल्वे भारत के वरिष्ठ वकील हैं। उन्होंने पाकिस्तान में कैद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले में अंतरराष्ट्रीय अदालत में पैरवी की। उन्होंने इस मामले में पाकिस्तान को मात दी और कुलभूषण की फांसी पर रोक लगाने में सफल रहे। साल्वे ने इसके लिए सिर्फ 1 रुपए फीस ली थी। हाल ही में सुषमा स्वराज की बेटी ने हरीश साल्वे को इस फीस का एक रुपया उन्हें सौंपा।